ayodhya ram mandir news : पूरा देश राममय हो गया है, क्योंकि 22 जनवरी को रामलला का प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। भगवान के अभिषेक की तैयारी चल रही है। अवध नरेश श्रीराम का अभिषेक अलवर के शुद्ध शहद से किया जायेगा।
फूलों के रस से तैयार 125 किलो शहद एक विशेष रथ के द्वारा 13 जनवरी को जगन्नाथ मंदिर से से रवाना किया जा रहा है जो 14 जनवरी में अयोध्या राम मंदिर पहुंच जायेगा।
अयोध्या में राम जी के अभिषेक से पहले इस शहर की जगन्नाथ मंदिर और वेंकटेश्वर बालाजी मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की गई है। यह शहद सरिस्का के जंगलों में कई तरह के पुष्पों के रस से निर्मित है, जिसको तैयार करने में लगभग 3 वर्ष का समय लगा है।
भगवान को अर्पित होने वाले हनी की एक किलोग्राम की विशेष पैकिंग की गई है, 125 पैकेट अयोध्या विशेष रथ में विश्व हिन्दू परिषद कार्यकर्ताओं की सुरक्षा में लाये जा रहे हैं।
वेंकटेश्वर बालाजी दिव्य धाम के प्रमुख स्वामी सुदर्शनाचार्य महाराज जी के मुताबिक उनके संत समाज को राम मंदिर आने का न्योता मिला है, इस निमंत्रण को पाकर साधु समाज प्रसन्न हुआ। तभी पता चला कि भगवान राम के अभिषेक के लिए राम मंदिर समिति ट्रस्ट को शुद्ध शहद की आवश्यकता है।
यह सौभाग्य की बात थी कि अलवर में तैयार हुआ शुद्ध शहद मर्यादा पुरुषोत्तम राम को अर्पित करने का सौभाग्य मिल रहा है, इसलिए वेंकटेश्वर बाला जी दिव्यधाम के पदाधिकारियों ने राम मंदिर समिति ट्रस्ट के प्रबंधन से संपर्क साधा और अपनी तरफ से सरिस्का के जंगलों में जितेंद्र गौतम द्वारा तैयार शहद अयोध्या भेजा है।
सरिस्का सेंचुरी के लिए प्रख्यात है, यहां प्रचुर मात्रा में शहद तैयार होता है। मौका था श्री राम भगवान के प्राण प्रतिष्ठा का। प्राण प्रतिष्ठा से तात्पर्य होता है कि देवता में प्राण स्थापित करना। इसके लिए वैदिक रीति में पांच तत्व माने गये है, पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश।
भगवान को स्नान कराने के लिए पंचामृत का प्रयोग किया जाता है, पंचामृत देवताओं का दिव्य प्रसाद है, जिसको बनाने के लिए दूध, दही, चीनी, शहद और घी का प्रयोग होता है। प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत प्रभु के चरणों में अर्पित होने वाले पान में भी इस मधु (शहद) का प्रयोग होगा।
Edited by : Nrapendra Gupta