राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद कैसे होगी रामलला की पूजा? जानें आरती का समय
प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला की किस समय होगी आरती और कैसे रहेगा भोग?
- रामलला की पूजा विशेष रामानंदी परंपरा से की जाएगी।
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रामलला की पूजा के दौरान उनके खान-पान का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
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रामलला की पूरे दिन में 3 बार आरती की जाएगी।
Ram Mandir Pran Pratishtha : 22 जनवरी सोमवार को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Inauguration) होगी और पूरे भारत में प्राण प्रतिष्ठा के लिए काफी उत्सुकता है। इस दिन भगवान श्री राम को रामलला के रूप में पूजा जाएगा और रामलला की पूजा विशेष रामानंदी परंपरा (Ramanandi Parampara) से की जाएगी। आपको बता दें कि अयोध्या में लगभग 90 प्रतिशत मंदिरों में रामानंदी परंपरा से पूजा की जाती है।
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इसी परंपरा के अनुसार, प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला की रोज पूजा की जाएगी। लेकिन जानकारों के अनुसार रामलला की पूजा, रामानंदी परंपरा से थोड़ी अलग होगी। आइए जानते हैं कि कैसे होगी रामलला की पूजा और क्या रहेगा समय...
प्राण प्रतिष्ठा के बाद कैसे होगी रामलला की रोज पूजा?
प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला की पूजा, रामानंदी परंपरा से थोड़ी अलग होगी क्योंकि यहां भगवान श्री राम को रामलला के रूप में पूजा जाएगा। रामलला की पूजा के दौरान उनके लालन-पालन और खान-पान का विशेष ध्यान रखा जाएगा। रामलाल को शयन से उठाने के बाद लाल चंदन और शहद से स्नान कराया कराया जाएगा। इसके बाद दोपहर को विश्राम और सांय भोग आरती के बाद शयन को जाने तक 16 मंत्रों की प्रकिया पूरी की जाएगी।
दिन में कितनी बार होगी आरती?
आपको बता दें कि रामलला की पूरे दिन में 3 बार आरती की जाएगी। यानी प्राण प्रतिष्ठा के बाद भी रामलला की एक दिन में पूरे 3 समय आरती की जाएगी। सबसे पहले रामलला की आरती 12 बजे होगी और उन्हें भोग लगाया जाएगा। इसके बाद श्याम को साढ़े सात बजे आरती की जाएगी। इसके बाद दिन की अंतिम आरती साढ़े आठ बजे की जाएगी और रामलला को शयन करवाया जाएगा। रामलला के दर्शन श्याम साढ़े सात बजे तक ही किए जा सकेंगे क्योंकि इसके बाद उनकी शयन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
रामलला को कैसे लगाया जाएगा भोग?
रामलला को हर दिन और समय के अनुसार अलग-अलग व्यंजन परोसे जाएंगे। साथ ही रामलला को एक दिन में चार बार भोग लगाया जाएगा। रामलला के लिए भोग राम मंदिर की रसोई में तैयार किए जाएंगे।
रामलला की सुबह की शुरुआत बाल भोग से होगी जिसमें मिष्ठान का भोग लगाया जाएगा। इसके बाद रामलला को दोपहर के समय में राजभोग लगेगा, जिसमें दाल, चावल, रोटी, सब्जी, सलाद और खीर जैसे व्यंजन शामिल रहेंगे।
संध्या आरती के समय भी विभिन्न मिष्ठान चढ़ाए जाएंगे और रात में भी पूरा भोजन चढ़ाया जाएगा। इसके बाद रामलला के शयन कराया जाएगा। रामलला को भोग लगाने के बाद यह प्रसाद भक्तों को कभी-कभी ही बांटा जाएगा। इसके अलावा भक्तों को ट्रस्ट की ओर से प्रसाद के रूप में इलायची दाना ही दिया जाता है।