राही मतवाले तू छेड़ इक बार मन का सितार: तलत-सुरैया और अनिल बिस्वास का कमाल | गीत गंगा
अजातशत्रु | सोमवार,मार्च 4,2024
राही मतवाले तू छेड़ इक बार मन का सितार: नकली संसार के इस खुदा नंबर दो के जो आदमी हैं, अनिल बिस्वास हैं, कमर जलालाबादी ...
होऽऽऽ धन्नो की आंखों में, हां, रात का सुरमा: न ऐसी धुन कभी सुनी और न ऐसा विचित्र गीत पहले पढ़ा | Geet Ganga
अजातशत्रु | सोमवार,फ़रवरी 12,2024
आर.डी. बर्मन बताते थे कि गुलजार के गीतों को धुन में बिठाना अच्छी-खासी मशक्कत चाहता था। कारण, गुलजार गीत कम, गद्य गीत ...
वो तीखी नजरों से मेरे दिल पर....
अजातशत्रु | बुधवार,अक्टूबर 29,2014
मुकेश को सुनना उनके गायन के पीछे एक ऐसे शख्स से मिलना है, जो शालीन और सुशील है। शरीफ और सीधा-सादा है, जिसमें चालाकी, ...
नींद न मुझको आए...
अजातशत्रु | बुधवार,अक्टूबर 29,2014
इस गीत की लोकप्रियता का गूढ़ कारण यह है कि इसमें एक किस्म का अतीन्द्रिय स्पर्श है। सादगी की गौरवपूर्ण भव्यता है। गीत में ...
गाए जा गीत मिलन के, तू अपनी लगन के
अजातशत्रु | बुधवार,अक्टूबर 29,2014
एक जमाना था। देश में 'मेला' फिल्म रिलीज हुई थी। तब दिलीप कुमार नाजुक-मासूम नवजवान थे। परदे पर उनका तरसना, तड़पना, दुःख ...
सुरैया की आवाज का रेशमी गिलाफ
अजातशत्रु | बुधवार,अक्टूबर 29,2014
आज हम गीत तो सुनते हैं, पर उनमें याद बनाने वाला तत्व नहीं मिलता, और न ऐसा हिन्दुस्तान मिलता है, जिसे अपना मानकर हम सुने ...
झुकती घटा, गाती हवा, सपने जगाए...
अजातशत्रु | बुधवार,अक्टूबर 29,2014
इस गीत में दो-तीन विशेषताएं हैं। पहली यह कि संगीत कर्णप्रिय है और सॉफ्ट है। व्यर्थ का शोर और आर्केस्ट्रा की तड़क-भड़क ...
बदरवा बरसे हो कारे-कारे....
अजातशत्रु | बुधवार,अक्टूबर 29,2014
सलिल दा को वर्षा-गीत कंपोज करने का बेहद शौक था। उनकी यह बेचैनी होती है कि साउंड-ट्रेक पर वर्षा की झड़ी और ठंडक को पेश कर ...
तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक है तुमको....
अजातशत्रु | बुधवार,अक्टूबर 29,2014
कम्युनिस्ट साहिर ने इसमें निजी दुःख को ओछा, हेठा और मतलबपरस्त बतलाकर दुनिया के भूख-प्यास के व्यापक दर्द से जुड़ने की बात ...
घर आया मेरा परदेसी...
अजातशत्रु | बुधवार,अक्टूबर 29,2014
युवा राजकपूर एक तरफ बॉक्स ऑफिस की सफलता के लिए चाक्षुष सौंदर्य बढ़ाना चाहते थे और दूसरी तरफ मन की गहरी आस्था व्यक्त करना ...