न चलेगी राजशाही, न चलेगी नौकरशाही
स्वरांगी साने | शनिवार,मार्च 4,2023
मंत्रियों की गाड़ियों पर से लाल बत्ती हटाने के बाद अब अमृत काल में मोदी दूसरा बड़ा काम करने जा रहे हैं। अब देश के सिर्फ़ ...
‘करिए छिमा’ कहते हैं और मुक्त होते हैं अपराध बोध से
स्वरांगी साने | बुधवार,मार्च 1,2023
जैन साधु-संतों, साध्वियों को आपने देखा होगा वे मुंह पर श्वेत पट्टी बांधते हैं कि सांस लेने या बात करने के दौरान भी ...
मैग्नीशियम का मैजिक है, मजाक नहीं है, पढ़ें एक जरूरी लेख
स्वरांगी साने | मंगलवार,फ़रवरी 28,2023
कुछ करने का मन नहीं हो रहा, भूख नहीं लगती,नींद नहीं आ रही, थकान लग रही है, शायर और प्रेमी इसे प्यार में पड़ने के लक्षण ...
यह कमाल ही है कि जितने ज्यादा युद्ध हुए, उतने ही ज्यादा शांति पुरस्कार दिए गए
स्वरांगी साने | शनिवार,फ़रवरी 18,2023
साहित्य के लिए नोबल पुरस्कार फ़्रांसीसी लेखक एनी एरनॉक्स को दिया गया। शांति की बात कहने वाले और शांति के बारे में लिखने ...
हिंदी नाटक की परंपरा को आगे बढ़ा रहा पुणे का ‘स्वतंत्र थियेटर’
स्वरांगी साने | शुक्रवार,फ़रवरी 10,2023
लंबे-लंबे संवाद, ऐतिहासिक तथ्य, पात्र, स्थान और परिस्थिति को रखने में उसे लिखने वाले की भूमिका अधिक सजग होती है, ...
Cow Hug day: इस बार वैलेंटाइन है गाय
स्वरांगी साने | शुक्रवार,फ़रवरी 10,2023
सोशल मीडिया पर भारत सरकार की इस अपील पर मीम्स, जोक्स और कमेंट्स हो रहे हैं। उन्हें पढ़कर लोग तनाव मुक्त हो रहे हैं और ...
ज़ाणीव वृद्धाश्रम: जीवन की संध्या, शांति से गुजारे यहां
स्वरांगी साने | मंगलवार,जनवरी 31,2023
अलग सोच की छह गृहणियां जब वर्ष 1994 में मिलीं तो उन्होंने सोचा वृद्धाश्रम को महज़ वृद्धाश्रम जैसा नहीं होना चाहिए...जहां ...
जुगाड़ लगा लेते हैं, मैनेज कर लेते हैं
स्वरांगी साने | सोमवार,जनवरी 30,2023
चलिए कुछ जुगाड़ जमा लेते हैं...। पहले कभी जुगाड़ लगाने को अच्छा नहीं समझा जाता था, लेकिन अब यह एक सकारात्मक पहलू बन गया ...
'करिए छिमा' कहते हैं और मुक्त होते हैं अपराध बोध से
स्वरांगी साने | बुधवार,जनवरी 25,2023
जिस क्षण आपको लगे कि आपसे ग़लती हो गई है, उसी क्षण क्षमा माँग लीजिए। ‘मिच्छामी दुक्कड़म’ कहने के लिए आपको जैन होने की ...
क्या आपको भी 'लोग' नहीं मिल रहे...
स्वरांगी साने | बुधवार,जनवरी 18,2023
‘लोग नहीं मिलते’...आपके सामने भी किसी न किसी ने, कभी न कभी यह दुखड़ा रोया ही होगा। एक ओर बेरोज़गारी का रोना है तो दूसरी ...