फादर्स डे पर कविता : सागर-सा पिता
देवेन्द्र सोनी | मंगलवार,जून 14,2022
आसान नहीं है बनना सागर, सागर बनने के लिए चाहिए, विशालता, गहराई और सबको आत्मसात करने का गुण।
पितृ दिवस पर कविता : जीवन में जरूरी है नदी की मिठास
देवेन्द्र सोनी | शुक्रवार,जून 19,2020
माना कि मौन रहकर सागर समाहित कर लेता है स्वयं में
उसकी ओर आने वाली हर नदी को पर नदियों ने समझा है कभी
दर्द सागर का?
लघुकथा - मेरा घर ?
देवेन्द्र सोनी | शुक्रवार,जनवरी 18,2019
मेरा घर है ये ! ...नहीं बाबा नहीं, कोई घर नहीं है मेरा ! जब तक मेरी शादी नहीं हुई थी, तब तक भी यह कहने को ही मेरा घर ...
लघुकथा : जगमगा उठे खुशियों के दीप
देवेन्द्र सोनी | सोमवार,नवंबर 5,2018
दीपावली का पर्व ज्यों-ज्यों पास आ रहा था, शोभा के चेहरे की आभा अपनी कांति खोती जा रही थी जिसे वह चाहकर भी छुपा नहीं ...
लघु कहानी : नवरात्रि और अंधविश्वास
देवेन्द्र सोनी | बुधवार,अक्टूबर 17,2018
'नवरात्रि पर्व' के चलते ग्रामीण अंचल के कुछ व्यक्तियों से रमेश की मुलाकात हुई। वे 'कहीं' सलाह लेने आए थे। मुखिया थे ...
नई कविता : सागर-सा है पिता
देवेन्द्र सोनी | शनिवार,जून 16,2018
जितनी जरूरी है जीवन में हमारे नदी की मिठास उतना ही जरूरी है समुद्र-सा खारापन भी।
कहीं आपका स्वभाव भी तनाव लेने का तो नहीं है.. इसे पढ़ें
देवेन्द्र सोनी | गुरुवार,अप्रैल 26,2018
तनाव वास्तव में एक स्वभावगत समस्या है जो हमारे आत्मबल की कमी से उत्तपन होता है और फिर धीरे धीरे अवसाद की ओर ले जाता है। ...
लघु कहानी : आत्मबल
देवेन्द्र सोनी | शुक्रवार,मार्च 30,2018
घर के कामकाज से निपटकर सुनीता थोड़ा आराम करने के लिए लेटी ही थी कि तभी उसके मोबाइल की घंटी बजी। सुनीता ने फोन उठाकर देखा ...
लघु कहानी : पिता का विश्वास
देवेन्द्र सोनी | मंगलवार,मार्च 27,2018
अपने पिता का अंतिम संस्कार कर लौट रहे सिद्धार्थ की आंखों से अविरल धारा बह रही थी। वह अपने साथ वापस हो रही भीड़ के ...
खर्चीले विवाहों का क्या औचित्य ?
देवेन्द्र सोनी | शनिवार,मार्च 24,2018
वर्तमान में मुझे विवाह की परिभाषा बदलती हुई नजर आ रही है। अब विवाह का अर्थ वि + वाह! पर आधारित हो गया है अर्थात विवाह ...