Vakri Guru ka rashifal : 29 जुलाई, 2022 दिन शुक्रवार से 24 नवंबर, 2022 दिन गुरुवार तक बृहस्पति ग्रह मीन राशि में वक्री चाल चलने वाले हैं। गुरु की इस उल्टी चाल से क्या होगा 12 राशियों पर असर और क्या है उपाय, आओ जानते हैं।
1. मेष : आपकी राशि के बृहस्पति ग्रह 12वें भाव में वक्री होगा। इससे आपके खर्चे बढ़ जाएंगे। कार्यस्थल पर काम का दबाव रहेगा। व्यापार में सतर्कता से आगे बढ़ना होगा। बड़ा निवेश करने से बचें। धन की कमी या हानि होने की संभावना है। जीननसाथी से मतभेद पैदा हो सकते हैं।
उपाय : किसी भी गुरुवार के दिन गुरु ग्रह से संबंधित यज्ञ करें।
2. वृषभ : बृहस्पति ग्रह आपकी राशि के 11वें भाव में वक्री होगा। इस वक्री चाल से आपकी आय में वृद्धि होगी। नौकरीपेशा हैं तो वेतनवृद्धि होगी और व्यापारी हैं तो मुनाफा होगा। आपकी कार्य प्रणाली में बदलावा होगा।
उपाय : प्रत्येक गुरुवार को बृहस्पति ग्रह की पूजा करें।
3. मिथुन : बृहस्पति ग्रह आपकी राशि के 10वें भाव में वक्री होगा। इस गोचर से आपको कार्यक्षेत्र में बदलाव देखने को मिलेंगे। नौकरीपेशा हैं तो पदोन्नति के साथ स्थानांतरण हो सकता है और व्यापारी हैं तो निवेश से लाभ होगा और व्यापार में विस्तार की योजना बनेगी।
उपाय : गुरुवार के दिन बूढ़े ब्राह्मण या गरीबों को भोजन कराएं।
4. कर्क: बृहस्पति ग्रह आपकी राशि के 9वें भाव में वक्री होंगे। इस दौरान आपको भाग्य का साथ मिलेगा। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। व्यापार में लाभ होगा और नौकरी में उन्नति होगी। आर्थिक रूप से धन का प्रवाह अच्छा रहेगा।
उपाय : शनिवार के दिन कौवों के लिए अन्न-जल की व्यवस्था करें।
5. सिंह : आपकी राशि के आठवें भाव में बृहस्पति का गोचर कई तरह की समस्याएं खड़ी कर सकता है। अत्यधिक काम का दबाव, नौकरी में परेशानी, व्यापार में घाटा और सेहत पर इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। हालांकि पैतृक संपत्ति से लाभ हो सकता है। जीवनसाथी के साथ संबंध में कुछ समस्याएं खड़ी हो सकती हैं।
उपाय : गुरुवार के दिन 108 बार "ॐ गुरुवे नमः" का जाप करें।
6. कन्या : आपकी राशि के सातवें भाव में गुरु ग्रह वक्री होगा। कार्यस्थल पर सहकर्मियों का बर्ताव नकारात्मक रहेगा। व्यापार में मन मुताबिक लाभ अर्जित नहीं कर पाएंगे। साझेदारी के व्यापार में घाटा हो सकता है। पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सेहत का ध्यान रखना होगा।
उपाय : एक माला रोज “ॐ नमः शिवाय" का जाप करें।
7. तुला : आपकी राशि के छठे भाव में गुरु का वक्री होना नौकरी और करियर के लिहाज से कठिन साबित हो सकता है। व्यापार में समय औसत रहेगा। आर्थिक रूप से थोड़े कमजोर रहेंगे। जीवनसाथी के साथ वाद-विवाद हो सकता है। सेहत का ध्यान रखना होगा।
उपाय : प्रत्येक दिन 21 बार "ॐ बृहस्पतये नमः" मंत्र का जप करें।
8. वृश्चिक : आपकी राशि के पंचम भाव में गुरु वक्री होगा। इस दौरान नौकरीपेशा हैं तो मिलाजुला परिणाम देखने को मिलेला। व्यापारी हैं तो ज्यादा लाभ की आशा न करें। हालांकि धन की आवक अच्छी रहेगी, लेकिन खर्चे भी बढ़ जाएंगे। जीवनसाथी से संबंध बेहतर रहेंगे। थोड़ी बहुत सेहत खराब रह सकती है।
उपाय : गुरुवार के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे तेल का दीपक जलाएं।
9. धनु : आपकी राशि के चतुर्थ भाव में गुरु का वक्री होना नौकरी में तनाव पैदा करेगा। काम का दबाव रहेगा। नौकरी बदलने की स्थिति तक आ सकती है। व्यापारी हैं तो नुकसान उठना पड़ सकता है। परिवार में विवाद होने की आशंका है। माता की सेहत का ध्यान रखना होगा।
उपाय : किसी भी गुरुवार के दिन गुरु ग्रह से संबंधित यज्ञ करें।
10. मकर : आपकी राशि के तीसरे भाव में गुरु की वक्री चाल नौकरी में समस्याएं तो खड़ी होगी लेकिन उनका समाधान भी आसानी से हो जाएगा। व्यापारी है तो यह समय लाभकारी साबित होगा। आर्थिक रूप से यह समय औसत रहेगा। आपको घटना दुर्घटना से बचना होगा। आपको चोट लग सकती है।
उपाय : गुरुवार के दिन भगवान शंकर के लिए किसी पंडित से यज्ञ कराएं।
11. कुंभ : बृहस्पति ग्रह आपकी राशि के दूसरे भाव में वक्री होगा। नौकरीपेशा हैं तो सहकर्मियों एवं वरिष्ठों से अधिक सहयोग मिलेगा। व्यापार में मुनाफा होगा। जीवनसाथी का सहयोग भी मिलेगा। हालांकि आपके खर्चें बढ़ जाएंगे।
उपाय : शनिवार के दिन सफाईकर्मी या दिव्यांगों को भोजन कराएं।
12. मीन : आपकी राशि के पहले भाव में गुरु की वक्री चाल से आपकी आय में वृद्धि होगी, लेकिन नौकरी में अचानक बदलाव का सामना करना पड़ सकता है। व्यापार में नो प्रॉफिट और नो लॉस की स्थिति रहेगी। जीवनसाथी के साथ संबंध में कुछ समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया हो सकता है।
उपाय : प्रत्येक दिन एक माला "ॐ मंदाय नमः" मंत्र का जप करें। नहीं तो कम से कम 44 बार जरूर करें।