Shradh paksha 2024: 17 सितंबर 2024, दिन मंगलवार से 16 श्राद्ध पक्ष प्रारंभ होने जा रहा है। पितरों का श्राद्ध करने का समय मध्यान्ह काल रहता है। यानी दोपहर के समय पितृ श्राद्ध करते हैं। उसमें भी कुतुप काल का ज्यादा महत्व माना गया है। कई लोग तिथि अनुसार श्राद्ध नहीं कर पाते हैं। इसका कारण या तो उनके पास समय नहीं है या उन्हें अपने पितरों की तिथि नहीं पता है। ऐसे में सर्वपितृ अमावस्या पर ही श्राद्ध कर्म करते है। श्राद्ध कर्म में तर्पण, पिंडदान और भोज होता है।
कब से कब तक रहेगा पितृ पक्ष?
17 सितंबर 2024- मंगलवार से 2 अक्टूबर 2024- बुधवार तक रहेगा।
सर्वपितृ अमावस्या कब रहेगी?
2 अक्टूबर 2024 बुधवार के दिन सर्वपितृ अमावस्या रहेगी।
तर्पण, पिंडदान, भोग और पंचबलि कर्म का मुहूर्त:-
कुतुप मूहूर्त- 2 अक्टूबर 2024 को दोपहर 12:04से 12:51 के बीच।
रोहिणी मूहूर्त- 2 अक्टूबर 2024 को 12:51 पी एम से 01:39 के बीच।
अपराह्न काल- 2 अक्टूबर 2024 को अपराह्न 01:39 से अपराह्न 04:02 के बीच।
सर्वपितृ अमावस्या तिथि प्रारम्भ- 01 अक्टूबर 2024 को रात्रि 09:39 बजे से प्रारंभ।
सर्वपितृ अमावस्या तिथि समाप्त- 03 अक्टूबर 2024 को (रात्रि) 12:18 एएम बजे समाप्त।
किस दिन रहेगा कौनसा श्राद्ध?
पूर्णिमा का श्राद्ध : 17 सितंबर 2024- मंगलवार।
प्रतिपदा का श्राद्ध : 18 सितंबर 2024- बुधवार।
द्वितीया का श्राद्ध : 19 सितंबर 2024- गुरुवार।
तृतीया का श्राद्ध : 20 सितंबर 2024- शुक्रवार।
चतुर्थी का श्राद्ध : 21 सितंबर 2024- शनिवार।
महा भरणी : 21 सितंबर 2024- शनिवार।
पंचमी का श्राद्ध : 22 सितंबर 2024- रविवार।
षष्ठी का श्राद्ध : 23 सितंबर 2024- सोमवार।
सप्तमी का श्राद्ध : 23 सितंबर 2024- सोमवार।
अष्टमी का श्राद्ध : 24 सितंबर 2024- मंगलवार।
नवमी का श्राद्ध : 25 सितंबर 2024- बुधवार।
दशमी का श्राद्ध : 26 सितंबर 2024- गुरुवार।
एकादशी का श्राद्ध : 27 सितंबर 2024- शुक्रवार।
द्वादशी का श्राद्ध : 29 सितंबर 2024- रविवार।
मघा श्राद्ध : 29 सितंबर 2024- रविवार।
त्रयोदशी का श्राद्ध : 30 सितंबर 2024- सोमवार।
चतुर्दशी का श्राद्ध : 1 अक्टूबर 2024- मंगलवार।
सर्वपितृ अमावस्या : 2 अक्टूबर 2024- बुधवार।