कर्क संक्रांति पर कर लें पितृ दोष के ये 5 उपाय, जीवन की रुकावट हो जाएगी दूर
Kark Sankranti 2023 Ke Upay : सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश को कर्क संक्रांति कहते हैं। इस बार कर्क संक्रांति 16-17 जुलाई के दौरान रहेगी। इस समय किए जाने वाले कार्यों में देवों का आशीर्वाद नहीं प्राप्त होता है। इस दिन सूर्यदेव को जल अर्पित करें। इस समय में शहद का प्रयोग लाभकारी माना जाता है। आओ जानते हैं पितृ दोष निवारण के 5 उपाय।
कर्क संक्रांति से सूर्य पूर्णत: दक्षिणायन गमन करने लगता है। इस दिन से सूर्य की चमक कम होने लगती है। सूर्य छह माह उत्तरायण और छह माह दक्षिणायान गमन करता है। दक्षिणशयन पितरों का समय है। चातुर्मास के काल में और खासकर कर्क संक्रांति के दिन पितरों की शांति के उपाय करने से जीवन की सभी तरह की बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है।
1. परिवार के सभी सदस्यों से बराबर मात्रा में सिक्के इकट्ठे करके उन्हें मंदिर में दान करें। मतलब यह कि यदि आप अपनी जेब से 10 का सिक्का ले रहे हैं तो घर के अन्य सभी सदस्यों से भी 10-10 के सिक्के एकत्रित करने उसे मंदिर में दान कर दें। यदि आपके दादाजी हैं तो उनके साथ जाकर दान करें।
2. चींटी, कौए, चिढ़िया, कुत्ते और गाय को रोटी खिलाते रहना चाहिए। उक्त चारों में से जो भी समय पर मिल जाए उसे रोटी खिलाते रहें। गाय को गौशाला में जाकर हरा चारा भरपेट खिलाएं। कर्क संक्रांति पर वस्त्र एवं खाने की चीजों और विशेषकर तेल के दान का विशेष महत्व है। सुहागन बुजुर्ग महिला को वस्त्र, किसी बुजुर्ग को पूजा में पहनने वाला धोती वस्त्र, किसी बालिका को नारंगी रंग का परिधान, किसी बालक को हरे फल और किसी नवविवाहित दम्पत्ति को भोजन कराएं।
3. इस दिन पीपल या बरगद के वृक्ष में जल चढ़ाएं। केसर का तिलक लगाएं। इसी के साथ ही विष्णु भगवान के मंत्र जाप, श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करने से पितृदोष चला जाता है।
4. इस दिन नदी के किनारे जाकर पितरों के निमित्त तर्पण और पिंडदान करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा दें।
5. इस दिन एक कंडे पर गुड़ और घी मिलाकर उसकी धूप देकर घी में डूबोया हुआ कर्पूर जलाएं। इसके बाद उसी कंडे पर भोग लगाएं।