कड़ाही में खाने से क्या होता है, क्यों करते हैं मना, जानिए राज
Kadahi me kyo nahi khana khane chahiye : हमने अपने बड़े बुजुर्गों से सुना है कि कड़ाही में भोजन नहीं करना चाहिए। इसके पीछे कई कारण बताए जाते हैं जिसमें सबसे प्रचलित कारण है कि ऐसा करने से शादी में खूब बारिश होती है। हालांकि और भी कई कारण हैं। कई लोग इसे रूढ़िवादी सोच समझकर हंसी उड़ाने लग जाते हैं। आओ जानते हैं कि आखिर कितनी सचाई है इसमें।
मान्यता :
1. कड़ाही में खाना खाने से विवाह के दौरान बारिश होती है।
2. यह भी कहा जाता है कि बारिश नहीं होगी तो उत्पात मचता है।
3. यह भी कहा जाता है कि कढ़ाई में खाना खाने से सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
वैज्ञानिक कारण :
1. दरअसल यह मान्यता प्राचीनकाल की है। तब बर्तन धोने के लिए राख और मिट्टी का ही उपयोग होता था। पहले नान स्टीक या स्टील की नहीं बल्कि लोहे की कड़ाही ही प्रचलन में थी। इसलिए भोजन बनाना के बाद कड़ाही को तुरंत पानी में डाल दिया जाता था ताकि उसमें जंग न लगे या चिकनाई निकल जाए। ऐसे में हाईजीन मेंटेन करना संभव नहीं था।
2. अब यदि लोहे की कड़ाही में कोई भोजन करता था तो वह उतनी अच्छे से साफ नहीं होती थी। उसमें गंदगी जमी रहती थी। जंग लगे होने की संभावना भी रहती थी। ऐसे में कड़ाही में भोजन करने से पेट खराब होने की संभावना के साथ ही गंभीर रोग होने की संभावना भी रहती थी। संभवत: इसीलिए यह प्रचलित कर दिया गया हो।
3. कड़ाही का निर्माण खाना पकाने के लिए किया गया है न कि खाना खाने के लिए, ऐसे में इसमें भोजन करना एक बुरी आदत है। जो चीज जिस कार्य के बनी है उसकी उसी कार्य के लिए उपयोग करना चाहिए।
4. पहले के लोग जूठे और संकरे आदि का बहुत ध्यान रखते थे इसीलिए भी कड़ाही में खाना नहीं खाते थे।
5. उस दौर में लोग डर से ही समझते थे। कहते हैं कि इसीलिए इसके लिए कुछ डराने वाली बातों से नियमों को जोड़ दिया जाता था। यही करण है कि कड़ाही में खाने खाने को लेकर बारिश और उत्पात की बात प्रचलित हो गई।