मंगलवार, 24 सितम्बर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. आलेख
  4. 2018 Ashtami Ramnavmi

दुर्गाष्टमी और रामनवमी एकसाथ, जानिए कब करें व्रत-पूजन और हवन

दुर्गाष्टमी और रामनवमी एकसाथ, जानिए कब करें व्रत-पूजन और हवन - 2018 Ashtami Ramnavmi
* 25 मार्च को मनेगी दुर्गाष्टमी और रामनवमी, जानिए... 
 
कभी-कभी पंचांगों की गणना आमजन के लिए दुविधा का कारण बन जाती है। चैत्र शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को लेकर भी इस बार संशय की स्थिति बनी हुई है। चैत्र नवरात्रि की अष्टमी व्रत-पूजा व हवन की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है।
 
लेकिन पंचांगों की गणना के अनुसार इस बार अष्टमी व नवमी तिथि एक ही दिन अर्थात 25 मार्च, रविवार को रहेगी। 25 मार्च को ही रामनवमी भी मनाई जाएगी। अब श्रद्धालुओं की दुविधा यह है कि वे अष्टमी तिथि का व्रत कब करें और दुर्गा अष्टमी का हवन किस दिन करें। आज हम 'वेबदुनिया' के पाठकों का यह संशय दूर कर रहे हैं।
 
अष्टमी तिथि की मान्यता-
 
शास्त्रानुसार उदयकालीन तिथि को मान्यता प्रदान की जाती है विशेषकर जिन तिथियों में दिन की पूजा व व्रत का विधान होता है। 25 मार्च, चैत्र शुक्ल पक्ष में अष्टमी तिथि प्रात:काल 8 बजे तक रहेगी, उसके उपरांत नवमी तिथि का प्रारंभ होगा। सूर्योदयकालीन तिथि की मान्यतानुसार 25 मार्च दिन रविवार को सूर्योदय के समय अष्टमी तिथि रहेगी अत: अष्टमी तिथि का व्रत व पूजा 25 मार्च को किया जाना श्रेयस्कर रहेगा। चूंकि 26  मार्च को सूर्योदय के समय दशमी तिथि रहेगी इसलिए रामनवमी भी 25 मार्च को ही मनाई जाएगी।
 
कब करें अष्टमी का हवन-
 
अब दुविधा यह है कि अष्टमी का हवन कब किया जाए? इस बात के निर्णय से पूर्व तिथियों की मान्यता के विषय में एक बात स्पष्ट रूप से ध्यान रखें कि जिन तिथियों में व्रत व पूजा दिन में की जाती है उनके लिए तो सूर्योदयकालीन तिथि की मान्यता है लेकिन जो पूजा या हवन रात्रि में संपन्न किए जाते हैं उनके लिए रात्रिकालीन तिथियों को मान्यता प्रदान की गई है।
 
दुर्गाष्टमी को 'महानिशा' पूजा भी कहा जाता है। इसमें मां दुर्गा की विशेष रात्रिकालीन पूजा व हवन इत्यादि किया जाता है। यदि श्रद्धालु दुर्गाष्टमी की 'महानिशा' पूजा करना चाहते हैं तो उन्हें यह पूजा 24 मार्च की रात्रि को संपन्न करना उचित रहेगा, क्योंकि रात्रि में अष्टमी तिथि केवल 24 मार्च को रहेगी। अत: दुर्गाष्टमी का हवन 24 मार्च को किया जाना  श्रेयस्कर होगा।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
संपर्क: astropoint_hbd@yahoo.com