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Written By अनिरुद्ध जोशी
Last Updated : बुधवार, 24 अप्रैल 2024 (12:38 IST)

अक्षया तृतीया के 10 पौराणिक तथ्‍य

Akshaya Tritiya : अक्षया तृतीया के 10 पौराणिक तथ्‍य - Akshaya Tritiya mythological facts
हर साल वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था कि आज के दिन जो भी रचनात्मक या सांसारिक कार्य करोगे, उसका पुण्य मिलेगा। अक्षय तृतीया के दिन ही वृंदावन के बांके बिहारी जी के मंदिर में श्री विग्रह के चरणों के दर्शन होते हैं। गंगोत्री धाम के पट खोले जाते हैं और जगन्नाथ भगवान के सभी रथों को बनाना प्रारम्भ किया जाता है।
 
1. परशुराम का जन्म : इस दिन भगवान नर-नारायण सहित परशुराम और हयग्रीव का अवतार हुआ था। 
 
2. अक्षय कुमार का जन्म : इसी दिन ब्रह्माजी के पुत्र अक्षय कुमार का जन्म भी हुआ था। 
 
3. कुबेर जी को मिला खजाना : इस दिन यक्षराज कुबेर को खजाना मिला था।
 
4. गंगा अवतरण : एक मान्यता के अनुसार इसी दिन मां गंगा का अवतरण भी हुआ था।
 
5. सुदामा कृष्ण मिलन : इसी दिन सुदामा भगवान कृष्ण से मिलने पहुंचे थे। 
 
6. ऋषभदेव के उपवास का पारण : प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ ऋषभदेवजी भगवान के 13 महीने का कठीन उपवास का पारणा इक्षु (गन्ने) के रस से किया था।
 
7. युग का प्रारंभ : इसी दिन सतयुग और त्रैतायुग का प्रारंभ हुआ था और द्वापर युग का समापन भी इसी दिन हुआ।
 
8. महाभारत की रचना : अक्षय तृतीया के दिन से ही वेद व्यास और भगवान गणेश ने महाभारत ग्रंथ लिखना शुरू किया था। 
 
9. कनकधारा स्त्रोत : आदि शंकराचार्य ने कनकधारा स्तोत्र की रचना की थी।
 
10. युद्ध समाप्त : इसी दिन महाभारत की लड़ाई खत्म हुई थी।
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