संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (UDF) के सांसद एनके प्रेमचंद्रन के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ दोपहर का भोजन करने को लेकर केरल में राजनीतिक विवाद छिड़ गया है। राज्य में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी के साथ प्रेमचंद्रन की नजदीकी की ओर इशारा करता है।
कोल्लम से लोकसभा सदस्य प्रेमचंद्रन, प्रधानमंत्री मोदी के साथ शुक्रवार को संसद की कैंटीन में दोपहर का भोजन करने के लिए विभिन्न दलों से चुने गए सांसदों में से एक थे।
प्रेमचंद्रन ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से आए निमंत्रण को स्वीकार करने के अपने फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि यह राजनीति से परे एक दोस्ताना मुलाकात थी।
वहीं, माकपा नेता और केरल के वित्तमंत्री केएन बालगोपाल ने इसका माखौल उड़ाते हुए कहा कि रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के सांसद प्रेमचंद्रन इसलिए गए कि वे प्रधानमंत्री के बहुत करीब हैं।
माकपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य इलामारम करीम और केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के संयोजक ईपी जयराजन ने भी प्रेमचंद्रन के इस कदम की आलोचना की।
हालांकि, प्रेमचंद्रन ने मीडिया को बताया कि यह बेहद दोस्ताना मुलाकात थी और जीवन में एक नया और सुखद अनुभव था।
उन्होंने कहा कि यह पीएमओ से अप्रत्याशित निमंत्रण था। यह सिर्फ एक दोस्ताना और अनौपचारिक बातचीत थी...किसी भी राजनीतिक मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई।
दोपहर के भोजन के दौरान मोदी के दोस्ताना व्यवहार की सराहना करते हुए प्रेमचंद्रन ने कहा कि उन्होंने इस तरह से बात की जिससे यह नहीं लगा कि यह प्रधानमंत्री ही बोल रहे हैं।
इस विषय पर बालगोपाल से प्रतिक्रिया के लिए संवाददाताओं द्वारा अनुरोध किये जाने पर उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि प्रधानमंत्री ने प्रेमचंद्रन को दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित किया क्योंकि मोदी को उन पर विश्वास है।
बालगोपाल ने प्रेमचंद्रन सहित यूडीएफ सांसदों पर यह आरोप भी लगाया कि उन्होंने संसद में इस तरह से सवाल पूछे जिसने राज्य सरकार के खिलाफ केंद्र की दलील को मजबूत किया।
प्रधानमंत्री द्वारा शुक्रवार को दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित किए गए सांसदों में बीजू जनता दल के सस्मित पात्रा, आरएसपी के प्रेमचंद्रन, तेलुगू देशम पार्टी के के. राम मोहन नायडू, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के रितेश पांडे और केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन तथा हीना गावित सहित कुछ भाजपा नेता भी शामिल थे।
प्रधानमंत्री ने बाद में, एक साथ भोजन करने की तस्वीर पोस्ट की और कहा कि दोपहर के भोजन का आनंद लिया, विभिन्न दलों और भारत के विभिन्न हिस्सों से आए संसद के सहकर्मियों के साथ मिलकर इसे और बेहतर बनाया। भाषा