सोमवार, 8 सितम्बर 2025
  1. समाचार
  2. वेबदुनिया सिटी
  3. इंदौर
  4. Narayan Seva Sansthan's Narayan Limb Fitting Camp will be held in Indore
Written By
Last Modified: इंदौर (मध्यप्रदेश) , शुक्रवार, 5 सितम्बर 2025 (16:22 IST)

इंदौर में लगेगा नारायण सेवा संस्थान का लिंब फिटमेंट कैंप

240 से ज्‍यादा दिव्यांगजनों को मिलेंगे 273 कृत्रिम हाथ-पैर

Narayan Seva Sansthan's Narayan Limb Fitting Camp will be held in Indore
मानव सेवा की ज्योति जलाने वाला नारायण सेवा संस्थान, उदयपुर एक बार फिर उन जीवनों में प्रकाश भरने आ रहा है, जिनकी राहों में हादसों और विपदाओं ने अंधेरा कर दिया था। 7 सितंबर रविवार को इंदौर के गुरु अमरदास बैंक्वेट हॉल, माणकबाग रोड (चोइथराम अस्पताल के पास) में सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक निःशुल्क नारायण लिंब एवं कैलीपर्स फिटमेंट कैंप का आयोजन किया जा रहा है।
 
प्रातः 11 बजे  उद्घाटन समारोह आयोजित है। इस शिविर में वही दिव्यांगजन शामिल होंगे, जिन्हें संस्थान ने गत 25 मई को आयोजित मेजरमेंट कैंप में चयनित किया था। इस दिन 240 से अधिक लाभार्थियों को 273 अत्याधुनिक कृत्रिम हाथ-पैर प्रदान किए जाएंगे।
 
संस्थान के मीडिया एवं जनसंपर्क निदेशक भगवान प्रसाद गौड़ ने बताया कि 40 वर्षों से संस्थान देश-विदेश में लाखों दिव्यांगों के जीवन को संबल दे रहा है। अब इंदौर में भी वे दिव्यांग, जो कभी अपने परिवार पर बोझ समझे जाने लगे थे, जर्मन तकनीक से बने नारायण लिंब पहनकर समाज की मुख्यधारा में लौटेंगे।
गौड़ ने मध्यप्रदेश वासियों से मदद की अपील करते हुए कहा, हर समृद्ध समाज की ताकत उसके नागरिकों में निहित है। जब दिव्यांग सशक्त होते हैं तो राष्ट्र प्रगति और सुदृढ़ता के पथ पर अग्रसर होता है। इस अवसर पर संरक्षक पारस कटारिया, आश्रम प्रभारी जसवंत मेनारिया के साथ निदेशक भगवान गौड़ ने शिविर का पोस्टर भी जारी किया।
 
संस्थान ने अब तक भारत ही नहीं, बल्कि केन्या, युगांडा, तंजानिया, मेरु और नेपाल तक सेवा की किरणें पहुंचाई हैं। हर माह लगभग 1800 से अधिक कृत्रिम हाथ-पैर निःशुल्क लगाए जाते हैं। शिविर की गरिमा बढ़ाने हेतु संत-महात्मा, सामाजिक कार्यकर्ता और अनेक गणमान्य नागरिक आमंत्रित किए गए हैं। लाभार्थियों के लिए भोजन की निःशुल्क व्यवस्था होगी तथा फिटमेंट के बाद चलने की विशेष ट्रेनिंग भी दी जाएगी। शिविर में पूर्व लाभार्थी भी शामिल रहेंगे, जो अपने अनुभव साझा कर नए लाभार्थियों का हौसला बढ़ाएंगे।
 
कटारिया ने कहा यह शिविर केवल कृत्रिम अंगों का वितरण भर नहीं, बल्कि आशा, आत्मनिर्भरता और मुस्कुराहट की सौगात है। यह उन जीवनों का पुनर्जन्म है, जो कभी ठहर गए थे और अब फिर से आगे बढ़ने को तत्पर हैं।
1985 से 'नर सेवा ही नारायण सेवा' के आदर्श वाक्य पर अग्रसर संस्थान के संस्थापक पद्मश्री कैलाश मानव को हाल ही में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रीय सामुदायिक सेवा सम्मान से अलंकृत किया। वहीं संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल को दिव्यांग सशक्‍तीकरण की दिशा में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त हुआ।
 
संस्थान द्वारा अब तक 40000 से अधिक कृत्रिम अंग निःशुल्क लगाए जा चुके हैं और लाखों जीवनों को शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास और खेल की राह दिखाकर संबल प्रदान किया गया है। यह शिविर सचमुच उन दिव्यांगजनों के लिए नई उम्मीद का सूर्योदय है।
Edited By : Chetan Gour
ये भी पढ़ें
छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों से मुठभेड़, दंतेवाड़ा-नारायणपुर बॉर्डर पर कई नक्‍सली ढेर