हरियाणा पुलिस की जांच में बड़ा खुलासा, जानिए युवक ने क्यों कही थी ट्रेक्टर मार्च बाधित करने की बात
नई दिल्ली/चंडीगढ़। हरियाणा पुलिस ने कहा कि आंदोलनकारी किसानों की 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर परेड को बाधित करने और किसान नेताओं को निशाना बनाने की साजिश रचे जाने के आरोपों के समर्थन में कोई सबूत नहीं मिला है। युवक की पहचान सोनीपत के निवासी योगेश रावत (21) के रूप में हुई है, जो बेरोजगार है।
सोनीपत के पुलिस अधीक्षक जश्नदीप सिंह रंधावा ने कहा कि शुक्रवार रात सिंघू बॉर्डर पर कुछ स्वयंसेवकों ने एक युवक को पकड़कर उस पर महिलाओं के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया था, जिसके बाद डर की वजह से उसने टैक्टर परेड को बाधित करने और किसान नेताओं को निशाना बनाए जाने की बात कही थी। प्रारंभिक जांच में युवक द्वारा किए गए दावे सच नहीं पाए गए हैं।
इससे पहले, केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि है उनमें से चार की हत्या करने और 26 जनवरी को किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड के दौरान अशांति पैदा करने की साजिश रची गई। इस संबंध में एक आरोपी व्यक्ति से हरियाणा पुलिस ने शनिवार को पूछताछ की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
किसान नेताओं ने कथित तौर पर सिंघू बॉर्डर पर आरोपी को पकड़ा था और उन्होंने शुक्रवार रात उसे मीडिया के सामने पेश किया था। बाद में, उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया।
इस व्यक्ति का चेहरा कपड़े से ढंका हुआ था। उसने दावा कि चार किसान नेताओं को गोली मारने की साजिश रची गई थी, जो मीडिया में जाना पहचाना चेहरा बन चुके हैं।
आरोपी ने दावा किया, ' 26 जनवरी को दिल्ली पुलिस के कर्मियों पर गोली चलाकर अशांति पैदा करने की साजिश रची गई, जिससे प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस सख्त कार्रवाई करती।'
इससे पहले अधिकारी ने दिन में बताया था, उसके पास कोई हथियार या अन्य विस्फोटक सामग्री नहीं मिली है। हम उससे पूछताछ कर रहे हैं लेकिन जिस तरह के आरोप लगे हैं, उस संबंध में अभी तक कुछ ऐसा नहीं मिला है जो किसी भी तरह की साजिश की ओर इशारा करता हो। आगे की जांच जारी है।
उल्लेखनीय है कि नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान प्रदर्शन कर रहे हैं, जिनमें से अधिकतर पंजाब, हरियाणा तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं। (भाषा)