CM योगी का ऐलान- कोरोना मरीजों के इलाज का खर्चा वहन करेगी सरकार, कोई भी अस्पताल मरीज को वापस नहीं करे
लखनऊ। वैश्विक महामारी कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 से होने वाली मौतों पर दुख व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीज के अंतिम संस्कार का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
उत्तरप्रदेश में अब कोई भी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल कोरोना से संक्रमित मरीजों के इलाज से मना नहीं कर सकता है। अस्पतालों को मरीज को भर्ती करना ही होगा। इलाज का खर्च सरकार उठाएगी। अब अब मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए अब कोई शुल्क नहीं लगेगा।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि किसी भी गरीब आदमी का निजी अस्पताल में उपचार होने पर राज्य सरकार आयुष्मान योजना के तहत इलाज का भुगतान करेगी। इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अधिकारियों को दिए हैं।
योगी ने रविवार को टीम 11 के साथ समीक्षा बैठक में कहा कि कोरोना संक्रमण से होने वाली हर एक मृत्यु दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार सभी मृतकों के प्रति संवेदना प्रकट करती है। प्रत्येक जिले में (नगरीय एवं ग्रामीण) कोविड संक्रमित किसी मरीज के अंतिम संस्कार के लिए कोई शुल्क न लिया जाए।
उन्होंने कहा कि अंतिम संस्कार की क्रिया मृतक की धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप ही कराई जाए। प्रशासन सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कराए। यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से अमल में लाई जाए।
वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन और रेमडेसिविर समेत अन्य दवाओं के पर्याप्त भंडार का दावा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना मरीजों के उपचार में सरकारी और निजी अस्पतालों को कोई कोताही नहीं बरतनी है। कोरोना मरीजों के इलाज का खर्च सरकार नियमानुसार वहन करेगी।
योगी ने रविवार को टीम 11 के साथ कोरोना प्रबंधन की समीक्षा करते हुए कहा कि पिछले 24 घंटे में प्रदेश में 35,614 नए कोरोना संक्रमित केस आए हैं, जबकि 25,633 लोग उपचारित होकर डिस्चार्ज हुए हैं। इस प्रकार प्रदेश में अब तक 7.77 लाख से अधिक लोग अब तक कोविड संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। यह सुखद स्थिति दवाई भी-कड़ाई भी के सूत्र को प्रभावी ढंग से अमल में लाने का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि डीआरडीओ के सहयोग से लखनऊ और वाराणसी में स्थापित कराए जा रहा सर्वसुविधायुक्त कोविड हॉस्पिटल अतिशीघ्र क्रियाशील हो जाएगा। स्वास्थ्य विभाग संबंधित अधिकारियों से संपर्क स्थापित कर डीआरडीओ को सभी आवश्यक संसाधन मुहैया कराए।(वार्ता)