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Last Updated : सोमवार, 29 अक्टूबर 2018 (15:54 IST)

इसराइल का जहाज़ क्यों आया पाकिस्तान, भारी उथल-पुथल

इसराइल का जहाज़ क्यों आया पाकिस्तान, भारी उथल-पुथल | Israel aircraft in pakistan
- ताहिर इमरान (इस्लामाबाद) 
 
पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर एक कथित इसराइली जहाज़ के इस्लामाबाद आने की ख़बर गर्म है। इस पर कई तरह की टिप्पणियां हो रही हैं। बहुत से लोग इसके बारे में सवाल पूछ रहे हैं। सवाल पूछने वालों में प्रसिद्ध पत्रकार भी शामिल हैं।
 
 
जियो नेटवर्क के एक पत्रकार तलत हुसैन ने सवाल किया है, ''इसराइली जहाज़ के पाकिस्तान आने और कथित मुसाफिर की वापसी की ख़बर मीडिया में फैलती जा रही है। सरकार को इसके बारे में बताना चाहिए। इक़रार या इनकार। ख़ामोशी से समस्या और बढ़ सकती है। ईरान और दूसरे देश खड़े कानों के साथ इस अफ़वाहनुमा ख़बर को सुन रहे होंगे।''
 
 
बीबीसी उर्दू पर इस ख़बर के आने के बाद पाकिस्तान सिविल एविएशन अथॉरिटी के प्रवक्ता ने एक प्रेस रिलीज़ जारी की और कहा, ''इसराइल का कोई भी जहाज़ पाकिस्तान के किसी भी एयरपोर्ट पर आने की अफ़वाह में कोई सच्चाई नहीं है, क्योंकि ऐसा हुआ ही नहीं है।''
 
 
इससे पहले पूर्व मंत्री और मुस्लिम लीग नवाज़ के नेता अहसन इक़बाल ने सरकार से सवाल किया और फ़ौरी तौर पर स्पष्टीकरण की मांग की। इस पर जवाब देते हुए इमरान ख़ान की सरकार में सूचना मंत्री फ़वाद हुसैन चौधरी ने लिखा है, ''सच तो यह है कि इमरान ख़ान न तो नवाज़ शरीफ़ हैं और न उनकी कैबिनेट में आप जैसे जाली अरस्तू हैं। हम न मोदी जी से ख़ुफ़िया बातचीत करेंगे और न ही इसराइल से। आपको पाकिस्तान की इतनी फ़िक्र होती, जितनी दिखा रहे हैं तो आज हमारा मुल्क इन हालात में नहीं होता। जाली फ़िक्र ना करें, पाकिस्तान सुरक्षित हाथों में है।''
 
 
फ़वाद हुसैन चौधरी के जवाब में अहसन इक़बाल ने लिखा है, ''जिस अंदाज़ में सूचना मंत्री महज स्पष्टीकरण मांगने पर भड़क गए उससे तो यही लगता है कि दाल में काला है।''
 
इन ख़बरों के सामने आने पर बीबीसी उर्दू ने पड़ताल शुरू की तो पता चला कि पूरा मामला एक इसराइली पत्रकार अवी शार्फ़ के उस ट्वीट से शुरू हआ जो उन्होंने गुरुवार 25 अक्टूबर को दिन में दस बजे किया था।
 
 
इस ट्वीट की पड़ताल में पता चला कि एक जहाज़ पाकिस्तान आया और दस घंटे के बाद रडार पर दोबारा देखा गया। जहाजों की आवाजाही या लाइव एयर ट्रैफ़िक पर नज़र रखने वाली वेबसाइट फ़्लाइट रडार पर इस जहाज़ के इस्लामाबाद आने और दस घंटे बाद जाने के सबूत मौजूद हैं।
 
इसके आने और जाने पर कई तरह के क़यास लगाए जा रहे हैं। कई लोग सवाल कर रहे हैं क्योंकि किसी इसराइली जहाज़ का पाकिस्तान आना कोई सामान्य घटना नहीं है और इससे कई सवाल पैदा होते हैं।
 
 
दूसरी ओर पाकिस्तान सिविल एविएशन अथॉरिटी के प्रवक्ता ने इसे ख़ारिज कर दिया है। इनमें से कुछ सवालों के जवाब बीबीसी उर्दू ने देने की कोशिश की।
 
क्या कोई इसराइल जहाज़ पाकिस्तान आ सकता है? पाकिस्तान और इसराइल के बीच राजनयिक संबंध नहीं हैं। इसलिए दोनों देशों में रजिस्टर्ड जहाज़ एक दूसरे की हवाई क्षेत्र में नहीं आ सकते हैं।
 
अगर इसराइली रजिस्टर्ड जहाज़ को दिल्ली या अमृतसर जाना हो तो उसे चीन या फिर अरब सागर के रास्ते आना होगा। मतलब हर हाल में पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से बचना होगा।
 
 
क्या इस्लामाबाद की ज़मीन पर आने वाला कथित जहाज़ इसराइली है? जिस जहाज के बारे में बात की जा रही है वो जहाज कनाडा की जहाज़ बनाने वाली कंपनी बम्बार्ड एयर का बनाया हुआ ग्लोबल एक्सप्रेस एक्सआरएस है।
 
इस जहाज का सीरिअल नंबर 9394 है। ये 22 फ़रवरी 2017 से ब्रिटेन के संप्रभु राज्य आयल ऑफ़ मैन में रजिस्टर्ड है। इससे पहले इसकी रजिस्ट्री केमैन द्वीप में थी।
 
आयल ऑफ़ मैन की रजिस्ट्री के मुताबिक़ इस जहाज़ का स्वामित्व मल्टिबर्ड ओवरसीज़ के नाम से है, जिसका पता ऑफ़शोर अकाउंट के हवाले से मशहूर द्वीप ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड में है। इस पते पर 38 कंपनियां रजिस्टर्ड हैं। बिल्कुल उसी तरह जैसे पनामलीक्स की कंपनियां रजिस्टर्ड थीं।
 
 
आख़िर इस कहानी में इसराइल कहां से आया? ये कहानी काफ़ी दिलचस्प है। जहाज की आवाजाही के बारे में इसराइली अख़बार हार्ट्ज के संपादक अवी शार्फ़ ने ट्वीट किया तो पहला स्रोत मिला।
 
ख़ास बात ये है कि अवी शार्फ़ ने बीबीसी उर्दू को बताया कि ये जहाज़ सोशल मीडिया पर चलने वाली ख़बरों के विपरीत एक दिन पहले 24 अक्टूबर की सुबह तेल अवीव से उड़कर इस्लामाबाद पहुंचा। मगर इसराइली पत्रकार के मुताबिक़ इस जहाज़ के पायलट ने उड़ान के दौरान एक चालाकी की।

उनके अनुसार ये जहाज़ तेल अवीव से उड़कर पांच मिनट के लिए जॉर्डन की राजधानी अम्मान के क्वीन आलिया हवाई अड्डे पर उतरा और उसी रनवे से वापस उड़ान भर ली।

 
इस तरह से ये उड़ान तेल अवीव से इस्लामाबाद जाने के बजाय इस छोटी सी चालाकी की मदद से तेल अवीव से अम्मान की फ़्लाइट बनी और पांच मिनट के उतरने और वापस उड़ने से ये फ़्लाइट अम्मान से इस्लामाबाद की फ़्लाइट बन गई।
 
इस तरह रूट बदलने से फ़्लाइट के विशेष कोड भी बदल जाते हैं। ये विभिन्न एय़र ट्रैफिक के टावर से संपर्क करके शिनाख़्त करवाते हैं। इसी तर्ज़ पर इस फ़्लाइट ने पाकिस्तान जाने का रास्ता साफ़ किया। जहाज पहले इसराइली नहीं था और इस चालाकी से फ़्लाइट अम्मान से इस्लामाबाद की बन गई।
 
 
अपनी बात को स्पष्ट करने के लिए अवी शार्फ़ ने इस तरह की एक और फ़्लाइट का सबूत ट्विटर पर दे रखा है। ये फ़्लाइट अबूधाबी से सऊदी के ऊपर से उड़ान भरते हुए तेल अवीव गया, लेकिन इसने अम्मान का रास्ता चुना, जहां जहाज उतरा और फिर नए कोड के साथ रवाना हो गया।
 
जहाज पाकिस्तान क्यों आया?
तकनीकी तौर पर ये फ़्लाइट इसराइली नहीं रही, लेकिन सवाल वहीं का वहीं है कि जहाज में कौन लोग बैठे थे? जहाज पाकिस्तान क्या करने उतरा था? इसका क्षेत्र के राजनीतिक या रणनीतिक पृष्ठभूमि से क्या लेना-देना है? सामान्य तौर कई अफ़वाहें हैं मगर सच्चाई के कोई सबूत नहीं हैं। इस सिलसिले में स्पष्टीकरण के लिए बीबीसी उर्दू ने पाकिस्तान के सूचना मंत्री फ़वाद चौधरी से संपर्क किया लेकिन उनका कोई जवाब नहीं मिला।
 
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